मधुबला
प्रियतम तुम्हें पिलाने को,
लेकर आया मधुबला।
अंगूरों की डाली से,
आज निचोड़ लाया हाला।
संग आज मै लाया हूं,
पीने और पिलाने वाला।
संग मे लाया मधु की गगरी,
संग मे लाया मधुशाला।
खोल नयन उठ जा प्यारे,
पूर्ण हुई तेरी माला।
देख खड़ा है सम्मुख तेरे,
पीने और पिलाने वाला।
मेरी मधु की गगरी से,
भर ले तू अपना प्याला।
शब्द हैं मेरे मधु के कतरे,
कविता है मेरी हाला।
कलम है मेरी मधु की गगरी,
पुस्तक मेरी मधुशाला।।
पुस्तक मेरी मधुशाला ।।
साभार - सोशल मीडिया
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